आज पूरा दिन संसद में बहस नहीं हुआ, बल्कि तांडव किया गया। टॉपीक भी काफी सफाई से चुने गए थे। किसी ने हैदराबाद केस चुना था तो, किसी ने GDP। विपक्ष, सरकार के काम करने के तरीकों पर सवाल खड़ा कर रहा था। सभी अपने-अपने ज्ञान का पीटारा खोले बैठे थे। जिसमें जानकारी कम और आरोप लगाने का कार्यक्रम ज्यादा था। विपक्ष ने जिस तरह से संसद में आज बीजेपी को घेरा, उसके बाद ही बीजेपी ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। बीजेपी ने ऐलान किया है कि अब किसी भी सवाल का जवाब पार्टी के प्रवक्ता ही देंगे। बाकि किसी को जवाब देने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
बवाल शुरु कहा से हुआ?
सबसे पहले यह बवाल शुरु हुआ उद्योगपति राहुल बजाज के बयान से। राहुल बजाज ने अमित शाह के सामने जिस तरह का बयान दिया, उसके बाद पूरा विपक्ष बीजेपी को घेरने में लग गया। बीजेपी अभी इस बयान में सफाई ही दे रही थी कि कर्नाटक से बीजेपी के सांसद आनंत हेगड़े ने बवाल काट दिया। उनके बोलने से हमेशा पार्टी के ऊपर बम फूटा है।
आनंद हेगड़े, फोटो सोर्स: गूगल
ऐसे में बवाल मचाना उनकी एक तरह की फितरत ही रही है। चाहे ताजमहल को शिव मंदिर बताना हो, चाहे हिंदू लड़कियों को छूने वाले हाथ को काटने की बात हो या फिर सबरीमाला मंदिर के मामले में दिया गया बयान हो। इस बार उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को लेकर बयान दिया है उनका कहना था कि,
देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री इसलिए बनाया गया था ताकि केंद्र का 40,000 करोड़ रुपया दुरुपयोग होने से बच सके। सीएम के पास करीब 40 हजार करोड़ की केंद्र की राशि थी। अगर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना सत्ता में आते तो वे 40 हजार करोड़ का गलत इस्तेमाल करते। इसलिए शपथ लेने के 15 घंटे के अंदर फडणवीस ने 40 हजार करोड़ रुपयों को केंद्र के पास भेज दिया।
BJP leader Ananth K Hegde in Uttara Kannada yesterday: You all know our man in Maharashtra became CM for 80 hours. Then, Fadnavis resigned. Why did he do this drama? Didn't we know that we don't have majority and yet he became CM. This is the question everyone is asking. pic.twitter.com/DsWKV2uJjs
— ANI (@ANI) December 2, 2019
हालांकि पूर्व सीएम फडणवीस ने अनंत के इस बयान को खारिज किया है। आनंद हेगड़े के इस बयान के बाद संसद भवन और राज्य सभा में जैसे भूचाल आ गया हो। बीजेपी इसी बात को ढ़कने की कोशिश कर रही थी। इसी बीच विपक्ष ने जब GDP पर सवाल खड़े किए तो, झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने बहुत ही बेतूका बयान दिया। उनका कहना था कि,
भविष्य में जीडीपी का कोई बहुत ज़्यादा उपयोग नहीं होगा। देश के विकास को मापने का पैमाना GDP, साल 1934 में आया था लेकिन, उसके पहले ऐसा कोई पैमाना नहीं हुआ करता था। GDP को बाइबल, रामायण और महाभारत की तरह सत्य मान लेना सही नहीं है।
इतने में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा,
आपके लिए सम्मान तो है लेकिन, कभी-कभी सोचता हूं कि आपको निर्मला सीतारमण की जगह ‘निर्बला सीतारमण’ कहना ठीक होगा कि नहीं। आप मंत्री पद पर तो हैं लेकिन’ जो आपके मन में है वो कह भी पाती हैं या नहीं।
AR Chowdhury, Congress in Lok Sabha: Aapke liye respect toh hai lekin kabhi kabhi sochta hu ki aapko Nirmala Sitharaman ki jagah 'Nirbala' Sitharaman kehna theek hoga ke nahi. Aap mantri pad pe toh hai lekin jo aapke man mein hai wo keh bhi paati hai ya nahi. pic.twitter.com/vVbmtpEUYK
— ANI (@ANI) December 2, 2019
इतना सुनने के बाद फिर क्या था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कांग्रेस पर पूरी तरह से विफर गईं। अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि,
आज कॉरपोरेट टैक्स कम करने का फायदा सिर्फ बड़े कारोबारियों को नहीं मिलता है, बल्कि छोटे कारोबारियों को भी मिलता है। सूट-बूट की जो बात करते हैं वह यहां नहीं चलता है। आम जनता के 11 करोड़ घरों में टॉयलेट बनवाए गए। क्या सिर्फ किसी के जीजा के घर में टॉयलेट बनाए गए हैं? 8.1 करोड़ किसान को पीएम किसान सम्मान निधि मिलता है, वो कौन हैं? क्या वो फलना का भाई या फलना का जीजा है?
सीतारमण के बयान के अलावा भी कई तरह के और भी बयान आए। सांसद जया बच्चन ने कहा था कि, रेपिस्टों को बीच रोड पर लटका कर फांसी दे देनी चाहिए। अन्नाद्रमुक सांसद विजिला सत्यनाथ तेलंगाना दुष्कर्म के बारे में बोलने के दौरान रो पड़ीं। उन्होंने कहा कि देश महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है। जिन 4 लोगों ने यह अपराध किया है, उन्हें 31 दिसंबर से पहले फांसी दी जानी चाहिए। न्याय में देरी न्याय न देने के समान है।
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