JNU के छात्रों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले फीस बढ़ाई गई जब इसका विरोध किया तो, पुलिस ने डंडे बरसाए. छात्रों को बेरहमी से पीटा गया. इससे भी मन नहीं भरा तो अब पुलिस ने छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज़ कर ली है. इस तरह से पुलिस अपनी बर्बरता छिपा रही है और छात्रों पर सारा दोष मढ़ रही है.
पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस ने एक नहीं दो-दो FIR छात्रों के खिलाफ दर्ज़ की है. पहली FIR किशनगढ़ थाने में दर्ज़ की गई है. वहीं दूसरी FIR लोधी कॉलोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज़ की गई है.
पहली FIR की वजह यह बताई गई है कि 9 नवंबर को अयोध्या फैसले के बाद दिल्ली में धारा 144 लगाई गई थी. जिसके बाद भी छात्र साबरमती ढाबे पर इकट्ठा हुए थे. पुलिस के मुताबिक चेतावनी के बावजूद छात्रों ने बैरिकेडिंग तोड़ी और पुलिसवालों से मारपीट की थी. इस दौरान 50 छात्रों को गिरफ्तार किया गया था.
दूसरी FIR दर्ज़ करने को लेकर पुलिस का कहना है कि,
18 नवंबर को छात्र दोपहर 2 बजे अरबिन्दों मार्ग पहुंचे और वहां से संसद की तरफ मार्च करना शुरू किया. इस दौरान उन्होंने पुलिस वालों के साथ मारपीट की, पुलिस कि गाड़ियों के शीशे तोड़े. कुछ छात्रों ने महिला अधिकारियों के साथ बुरा सुलूक किया और रोड ब्लॉक करने की वजह से कई इमरजेंसी गाड़ियां भी घंटों जाम में फंसी रहीं.
छात्रों पर कौन सी धाराएं लगाई गई हैं
- धारा 186- सरकारी कार्य में लगे सरकारी कर्मचारी को काम करने से रोकना.
- धारा 353- सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी करने से रोकने के लिए बल का प्रयोग करना.
- धारा188- सरकारी कर्मचारी के आदेश का पालन न करना.
- इसके अलावा दंगा फैलाने को लेकर छात्रों पर धारा 147, 148, 149, 151 और 34 भी लगाई गई है.
हाईकोर्ट पहुंचा JNU प्रशासन, फोटो सोर्स: गूगल
JNU प्रशासन हाईकोर्ट पहुंच गया है
वहीं अब इस मामले को लेकर JNU प्रशासन हाईकोर्ट पहुंच गया है. प्रशासन ने कोर्ट में अर्जी डाली है कि, छात्रों ने कोर्ट के फैसले की अवमानना की है. जिसमें ये साफ तौर पर कहा गया है कि प्रशासनिक भवन के 100 मीटर के दायरे में प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है. वहीं इसके चलते 28 सितंबर से प्रशासनिक कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. कोर्ट ने यह फैसला 9 अगस्त 2017 को दिया था.
इसके अलावा JNU प्रशासन ने पुलिस के खिलाफ भी हाईकोर्ट में अर्जी डाली है जिसके मुताबिक विश्वविद्यालय में कानून व्यवस्था कायम रखने से इनकार करने और प्रशासनिक भवन के आसपास अवरोधकों को हटा कर दिल्ली पुलिस ने भी उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की है. JNU प्रशासन की तरफ से यह याचिका केंद्र सरकार की स्थायी वकील मोनिका अरोड़ा के जरिए दाखिल की गई है.
इसके तहत मांग की गई है कि, हाई कोर्ट छात्रों और पुलिस वालों के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी करे और जानबूझ कर अदालत के आदेश को न मानने पर सजा दी जाए.
HRD मिनिस्ट्री ने की छात्रों से मुलाकात
इसी बीच HRD मिनिस्ट्री की एक कमेटी ने छात्रों से दिल्ली के शास्त्री भवन में मुलाकात की है. ताकि उनकी समस्या का हल निकाला जा सके. हालांकि इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. वहीं JNU छात्र संघ का कहना है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. वो चाहते हैं कि VC उनकी बात सुनें. इसके साथ ही छात्रों की अपील है कि दिल्ली पुलिस के खिलाफ एक्शन होना चाहिए.
Delhi: A delegation of Jawaharlal Nehru University (JNU) students reach the Ministry of Human Resources Development (MHRD). The Ministry has appointed a high power committee for discussion with students and administration for peaceful resolution of all issues in the University. pic.twitter.com/PC6a2f98qe
— ANI (@ANI) November 20, 2019
दरअसल, JNU के छात्र दिल्ली पुलिस द्वारा किए गए लाठी चार्ज के विरोध में प्रदर्शन करने दिल्ली पुलिस मुख्यालय जा रहे थे. हालांकि, पुलिस उन्हें वैन में भर कर वसंत कुंज पुलिस थाने ले गई. इसी दौरान JNU के कुछ छात्रों से HRD मिनिस्ट्री की उस कमेटी ने बात की जो इस पूरे मामले को देखने के लिए बनाई गई है. लेकिन, इसका भी कोई नतीजा नहीं निकला. छात्रों का कहना है कि वो अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगें.
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